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Wednesday 25 April 2012

Italy was the release of the sailors 'compromise'

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इटली ने नौसैनिकों की रिहाई को किया ‘समझौता’
क्लीन मीडिया संवाददाता 

कोच्चि: 25 अप्रैल: (सीएमसी)  इतालवी जहाज ‘एनरिका लेक्सी’ के दो नौसैनिकों की कथित गोलीबारी में मारे गए दो मछुआरों के परिवारों ने एक नाटकीय घटनाक्रम में इतालवी अधिकारियों से एक समझौता किया है और एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा स्वीकार कर लिया है लेकिन इन नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रहेगी।
समझौते के लिए मंच तैयार करते हुए केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिन में वैलेंटाइन जलास्टिन और अजेश बिंकी के परिवार के सदस्यों को समुद्री सैनिकों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने के इतालवी अनुरोध के खिलाफ अपनी दलीलें वापस लेने की अनुमति दी।
न्यायमूर्ति पी एस गोपीनाथन ने जलास्टिन की विधवा डोरम्मा को बिंकी की बहनों की याचिका स्वीकार कर ली।हालांकि महाधिवक्ता के पी दंडपाणि ने कहा कि आरोपी नौसैनिकों के खिलाफ लंबित मामलों में कानूनी उत्तराधिकारी पक्षकार नहीं हैं। ऐसे में, राज्य सरकार की ओर से दर्ज मामले में मुआवजा समझौते से असर नहीं पड़ेगा। नौसैनिकों पर आरोप लगाया गया था कि फरवरी में ये मछुआरे केरल के कोल्लाम तट के समीप जब मछली पकड़ रहे थे तब उन्होंने उनकी हत्या कर दी। जलास्टीन की विधवा और बिंकी के दो बच्चों एवं दो बहनों ने मुआवजा के लिए अनुरोध दायर किया था। दोनों परिवारों को एक एक करोड़ रूपए मुआवजा मिलेगा।
इतालवी अधिकारियों ने उच्च न्यायालय के लोक अदालत में उक्त राशि का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा। पुलिस ने जब इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी तब इतालवी महावाणिज्य दूत गियामपाओलो कूटिल्लियो तथा दो नौसैनिकों-लातोरे मास्सिलियानो तथा साल्वातोरे गिरोने ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। मछुआरों के कानूनी उत्तराधिकारियों ने इतालवी मांग का विरेाध किया था। हालांकि बाद में वे इतालवी सरकार द्वारा की पेशकश की गयी धनराशि पर बात को खत्म करने पर राजी हो गए थे। इस पर पीड़ित परिवारों के वकील ने अदालत को आज बताया कि वे अपना पक्ष वापस ले रहे हैं और समुद्री सैनिकों के खिलाफ आरोपों पर बल नहीं दे रहे।
दोनों नौसैनिक तिरुवनंतपुरम की सेंट्रल जेल में बंद हैं जबकि जहाज दो महीने से कोच्चि तट पर खड़ा है । हल के लिए दोनों पक्षों के सहमत होने के बाद उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली के तहत लोक अदालत को भेज दिया जिसने मुआवजा समझौते को रिकार्ड किया। इतालवी अधिकारियों के अनुरोध पर संबंधित मछुआरों के परिवारों ने इस आशय का पत्र भी दिया कि उन्होंने नौसैनिकों को माफ कर दिया है।

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